रविवार, 23 अगस्त 2015

चाहें सोना मांगे प्याज़

कैसा चलन, कैसा मिजाज 

'मेरा राजा बेटा'. 

'मेरा सोना बेटा'.

वो कौन सी मां होगी, जिसने कभी न कभी अपने बेटे को राजा और सोना कह कर न बहलाया हो. 

हर मां के लिए उसका बेटा किसी राजा की तरह रौबीला होता है. सोने की तरह चमकदार और बेशकीमती होता है. 

क्या आपने किसी मां को कहते सुना है मेरा 'प्याज' सा बेटा 

चलिए सीन बदलते हैं, सवाल बदलते हैं 

हिंदुस्तान में सरकार जब किसी पर खुश होती है. मदद के तौर पर मेहरबानी करना चाहती है तो क्या देती है. 

सीधा सा जवाब है, पेट्रोल पंप 

सीमा पर शहीद होने वालों के परिवार को पेट्रोल पंप. पुलिस की वर्दी में शहीद होने वालों के घरवालों को पेट्रोल पंप. अपने चहेते कार्यकर्ताओं को पेट्रोल पंप. 

क्या आपने सुना है कि कभी सरकार ने किसी को प्याज की आढ़त दी हो? 

कहा हो, 'जा बेटा प्याज बेच खूब कमा'

आप ये तो नहीं सोच रहे कि मैं घूम फिरके प्याज पर क्यों आ रहा हूं? 

प्याज मैं मेरी खास दिलचस्पी नहीं. मैं तो जमाने के चलन को देखकर हैरान हूं. 

अनमोल सोने का मोल इस साल इतना टूटा कि भाई लोगों ने कह दिया कि सोना तो 20 हज़ार के नीचे चला जाएगा. यानी 10 ग्राम सोना सिर्फ बीस हज़ार में मिलने लगेगा. 

ठीक है कि सोना 25 हज़ार के आसपास ठहर गया लेकिन फिर भी ये किसने सोचा था कि 2015 में सोने दाम सिर्फ 25 हजार रुपये होंगे. 

और तेल. उसने तो सारे जमाने को हैरान कर दिया है. कच्चा तेल 40 डॉलर प्रति बैरल तक टूट गया है. करीब 7 सालों में कच्चा तेल इतना कमजोर नहीं हुआ. 



जमाना जिन चीजों को हासिल करने के लिए दीवाना हुआ फिरता है, वो दोनों बेशकीमत चीजें ऐतिहासिक तौर पर सस्ती हो गई हैं.

लेकिन, ज़रा लोगों का मिजाज तो देखिए वो प्याज की कीमतों को लेकर हाय-तौबा किए जा रहे हैं. 

कई बार सोचता हूं कि इस निठल्ले प्याज की किस्मत पर तो सोने को भी रश्क होता होगा. उन देशों को भी जो तेल बेच-बेचके धन्ना सेठ हो गए हैं. 

कभी ये प्याज महंगा होता है तो सरकार बदल देता है. कभी ये प्याज महंगा होता है तो मामला अदालत में पहुंच जाता है. 

जी हां, लखनऊ में लोग प्याज की कीमत को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो प्याज के दाम घटाने के आदेश जारी करे. सरकार को पार्टी बनाया गया है. 

अब बताइये ये कोई बात हुई. आप सोने को भूल गए. तेल को भूल गए और प्याज पर पिल गए. वो भी उस प्याज पर जो मंहगा होने पर रुलाता है और आसानी से मिल जाए तो भी आंख में आंसू ला देता है. 

चलते- चलते बात सरताज अज़ीज़ के नहले पे सुषमा स्वराज के दहले की. 

पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने कहा कि अगर वो बातचीत के लिए हिंदुस्तान गए तो तीन डॉजियर साथ ले जाएंगे, जिसमें सबूत हैं कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पाकिस्तान में दखल देती है. 

थोड़ी देर बाद भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सुषमा ने कहा, ' वो क्या कागज़ देंगे. जिंदा सबूत है हमारे पास. हम तो जिंदा आदमी खड़ा कर देंगे'. 

इशारा उस पाकिस्तान  के आतंकवादी की तरफ था जिसे हाल में जम्मू कश्मीर में जिंदा दबोचा गया है. 

प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हुई तो एक अलग वजह से मैंने राहत महसूस की. 

मुझे डर था कि कोई अतिउत्साही रिपोर्ट ये न पूछ ले, सुषमा वो सब छोड़िए, ये बताइये कि आखिर आपने ललित मोदी की मदद क्यों की? क्या आप पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भी मानवीय आधार पर मदद करेंगी.?

थैंक्स पत्रकार दोस्तों... 

3 टिप्‍पणियां: