बॉलीवुड के किंग का 'साक्षी' अवतार
शाहरुख़ खान कभी बीजेपी सांसद साक्षी महाराज से मिले हैं या नहीं कहना मुश्किल है. वो साक्षी महाराज की ख्याति से और सोच से कितने वाकिफ़ हैं, इसका भी अंदाज़ा नहीं. लेकिन, कोलकाता के ईडेन गार्डन्स मैदान पर मजाकिया अंदाज में दिए एक बयान से वो साक्षी महाराज की याद जरुर दिला गए.
मौका था, आईपीएल के ओपनिंग मैच का. शाहरुख की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने मुंबई को 7 विकेट से हराकर ये मुक़ाबला जीता. शाहरुख ख़ान जीत की खुशी में मैदान पर उतर आए. जाने पहचाने अंदाज में उन्होंने मैदान के चारों ओर चक्कर लगाया. मैच देखने आए फैन्स का शुक्रिया अदा किया. शाहरुख के साथ उनका दो साल का बेटा अबराम और परिवार के दूसरे लोग भी थे.
थोड़ी देर बाद मैच ब्रॉडकॉस्ट कर रही कंपनी की कमेंट्री टीम ने शाहरुख को बातचीत के लिए पकड़ लिया. सवाल-जवाब शुरु हुए. अपनी जुमलेबाज़ी के दम पर टीवी के सबसे बोलनबीस गिने जाने वाले पूर्व क्रिकेटर और पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू अर्से बाद किसी को खुद से ज्यादा तव्वजो देते दिखे. शाहरुख के सामने बिछे-बिछे से होने को बेताब सिद्धू ने एक ऐसा सवाल उछाला, मानो वो बॉलीवुड के किंग का दिल तारीफ़ों के जरिए ही जीत लेना चाहते हों.
सिद्धू ने पूछा, '' खान साहब, उम्र बढ़ती जा रही है, लेकिन, जवानी को कैसे पकड़ रखा है. ''
शायद सिद्धू ने ये सवाल लाजवाब होने के लिए ही पूछा था. शाहरुख ने उन्हें निराश नहीं किया. वो बोले,'' बच्चे पैदा करो जवान बने रहो. '' जवाब खत्म हुआ और ठहाका गूंज उठा. हो सकता है कि बात आई गई हो जाए. मजाक उसी पल का मेहमान रहकर खत्म हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो ये इसलिए होगा कि शाहरुख राजनीति में नहीं हैं. उनका ताल्लुक हिंदूवादी पार्टी से नहीं है. उनके तीसरे बच्चे अबराम का जन्म सेरोगेट मदर के जरिए हुआ.
ऐसा ना होता तो पहले उन्हें राजनीति की पगड़डियों के छिद्रान्वेषी दौड़ाते, फिर महिला संगठन घेरते और अगर इतने पर भी ज़ुबान का ज़ोर बचा रहता तो पीआईएल के महारथी रगड़ लेते. हालांकि, रगड़ा शाहरुख को भी कम नहीं गया है. साल 2012 में आईपीएल के दौरान शाहरुख खान की मुंबई के वानखेडे स्टेडियम के गार्ड्स से बहस हो गई थी. विवाद ने इस कदर तूल पकड़ा कि मैदान पर उनकी एंट्री बैन कर दी गई. ये टीस अब भी उन्हें परेशान करती है. इसका सबूत ईडेन गार्ड्न्स पर भी मिला, जिस वक्त शाहरुख ब्रॉडकॉस्टिंग टीम से बात कर रहे थे, उस वक्त उनका छोटा बेटा उछल-कूद मचाए था.
शाहरुख की नज़र गई तो वो बोले, '' पकड़ो, कहीं उसे बैन ना कर दें ''. खै़र पकड़ने वाली बात ये है कि शाहरुख खान सज़ा को भी मजाक के तौर पर ले सकते हैं और बच्चे दर बच्चे पैदा करने को जवान बने रहने का नुस्खा बता सकते हैं, क्योंकि वो राजनीति में नहीं. वो क्रिकेट को तमाशा बनाने वाली ऐसी लीग से एक टीम के को-ओनर के तौर पर जुड़े हैं, जिसका रुख सिर्फ तमाशा देखने के लिए ही किया जाता है. और जब तमाशा कोई 'शाह' करे तो फिर कहना ही क्या ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें