शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

किसके अच्छे दिन

किसके बुरे दिन 


ये दिव्य ज्ञान है. 

केजरीवाल जी ने सुबह सवेरे ही ट्विटर पर इसकी घोषणा कर दी. 

साफ शब्दों में. शुद्ध हिंदी में. 

'मेरी जानकारी के मुताबिक मोदी जी बिहार चुनाव बुरी तरह से हार रहे हैं'. 

केजरी बोल (ट्वीट) जब सामने आए, उस वक्त तक बिहार की 243 सीटों में से सिर्फ 49 पर मतदान हुआ था. 

दूसरे चरण की 32 सीटों पर मतदान शुरु ही हुआ था. 

अरविंद केजरीवाल की सूचना का स्त्रोत क्या है, उन्होंने खुलासा नहीं किया. 

इसकी जरूरत भी नहीं. 

2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भी नतीजों को लेकर इसी तरह की भविष्यवाणियां की थीं. 

मोदी के अनुमान सटीक निकले. अब कसौटी पर केजरीवाल का दावा है. 

एक चमत्कारिक दावा लालू जी ने भी किया. 




मोतीहारी के पास लखौरा में लालू की एक रैली थी. 

गरमी का मौसम उतार पर है. फिर भी लालू जी बड़े नेता हैं तो आयोजक चाहते थे कि उनके माथे पर पसीने की एक बूंद भी न आए. 

गरमी से बचाने के लिए मंच पर पंखा लगाया गया था. 

बीच रैली में मंच पर पंखा गिरा और लालू जी मातारानी पर बलिहारी हो गए. 

बोले,  'मां दुर्गा ने बचाया है'. 

गले में पड़ा लॉकेट भी दिखाया. मां की तस्वीर वाला. 

मां की बात हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी की. वो गौमाता की भक्ति दिखा रहे थे. 

लेकिन, भक्ति का अंतर देखिए. खट्टर की बातें सांप्रदायिकता के पाले में खिंच गई. 


लालू जी पहले भी भक्ति भाव दिखा चुके हैं. 

मांस खाने से तौबा की तो इसे शिवजी से सपने में मिला आदेश बताया था. 

गाय के मुद्दे पर घेरने की कोशिश लालू को भी हुई थी. मोदी ने तो पानी पी-पीकर खबर ली थी. 

फिर अचानक जाने क्या हुआ, मोदी राष्ट्रपति के दिखाए रास्ते पर चले गए. मुद्दा बदल लिया. लेकिन खट्टर फिर वैताल को उसी डाल पर ले आए. 

बात वापसी की हो रही तो जान लीजिए कि मुद्दा अब सिर्फ 'घर वापसी' तक नहीं सिमटा है. 

जुमले भी राह बदल रहे हैं.  

लौट लौट के आ रहे हैं. या लाए जा रहे हैं. वो आ रहे हैं तो मुंह चिढ़ा रहे हैं. 


भाई लोग हेमा जी की एक पुरानी तस्वीर निकाल लाए हैं. जसवंत सिंह के साथ खड़ी हैं हेमा जी. 

महंगाई बयान करने वाला पोस्टर गले में डाल रखा है. 

पोस्टर में एक किलो दाल की कीमत 55 रुपये बताई गई है. 

भाई लोग पूछ रहे हैं कि अब जब दाल 205 रुपये किलो बिक रही है, वो भी थोक में तो फिर हेमा जी कहां हैं? उनका पोस्टर कहां है?

भाई लोगों ने तस्वीर भी उस दिन तलाशी, जिस दिन हेमा जी बर्थडे मना रही थीं. 

सेलेब्रेशन का खुमार उतार दिया. 

लेकिन, ऐसे पोस्टरों का मज़ा देखिए. 

अपने पवार जी ने कह दिया, 'लोग कह रहे हैं हमारे बुरे दिन वापस कर दो'. 

'हमें अच्छे दिन नहीं चाहिए'. 

तो क्या केजरीवाल की सूचना का स्त्रोत पवार साहब हैं? 

उनके बयान के आधार पर ही वो पॉवर की इक्वेशन बता रहे हैं? 

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